बदरिया तू काहेको व्रजपर दोरी || … (२)
चमकत बीच महाघन ओल्हर
दुःख पावत हें किसोरी || १ ||
भीजत गोपी सघन कुंजतर
चूंबत चुंदरी मोरी ||
सूरदास प्रभु तुम बहुनायक
राधा मोहन जोरी || २ ||
बदरिया तू काहेको व्रजपर दोरी || … (२)
चमकत बीच महाघन ओल्हर
दुःख पावत हें किसोरी || १ ||
भीजत गोपी सघन कुंजतर
चूंबत चुंदरी मोरी ||
सूरदास प्रभु तुम बहुनायक
राधा मोहन जोरी || २ ||