करत कलेऊ किलकत दोऊ भैया || सद माखन मिश्री ले जसोदा सान सान देत श्री मुख मैया || १ ||
बरसत गरजत परत पनारे देखत हुलसत दोऊ भैया || कृष्णदास प्रभुकी छबि निरखत ग्वाल बाल सबही हुलसैया || २ ||