जल क्यों न पियो लालन जो हो पिया तुम प्यासे | भरि लाई जमनोदक सीतल पीवत क्यों अलसाते || १ ||
जल के मिस तुम डोलत घर घर नवल त्रियन रस माते | चतुरबिहारी पिय प्यासे हो तो पानी पियो हो जोबन के माते || २ ||