लालन जागो भो भयो भोर ,भो भयो भोर | दूध ,दही,पकवान ,मिठाई ,लीजे माखन रोटी बोर ||
बिकसे कमल बिमल बानी सब | बोलन लागे पंछी चहुँ ओर || रसिक प्रीतम सो कहत नंदरानी | उठ बैठो हो नंदकिशोर ||